
इटारसी। एक बस्ती की नाबालिग लड़कियां व्यस्क होने के पहले ही मां जाती हैं। यह मामला सामने आया है मध्यप्रदेश के इटारसी में। बस्ती में 20 से अधिक इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। शहर में ऐसी बस्ती है
जहां शासन की सख्ती और कानून बोना साबित हो रहा है। शहर के अंदर इस बस्ती में किशोरी बालिकाएं बालिग होने से पहले गर्भवती हो जाती है और इनके बच्चे भी हो जाते है। ओझा बस्ती जो अब समरसता नगर कहलाता है इस बस्ती का नाम परिवर्तन हो चुका है परंतु हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं। यहां हाईरिस्क गर्भवती महिलाएं है और कुपोषित बच्चे भी हैं। इससे भी बढ़कर चौंकाने वाली बात यह है यहां किशोरी बालिकाएं गर्भवती है। बालिग होने से पहले ही रहने लगते हैं पति-पत्नी की तरह ओझा बस्ती के लगभग हर परिवार में ऐसे हालात हैं। दरअसल इस समुदाय के लोगों में विधिवत विवाह करने की परंपरा नहीं है। बल्कि युवक-युवती अपनी पसंद से साथ रहने लगते हैं। खास बात है कि युवावस्था (बालिग होने) से पहले ही पति-पत्नी की तरह रहने लगते है जिससे यह हालात बनते हैं प्रशासन का नहीं मिल रहा सहयोग बस्ती के लोगों को जागरुक करने के लिए नव अभ्युदय संस्था की संचालक सुमन सिंह यहां प्रयासरत हैं।

उन्होंने बताया कि शासन की जिन संस्थाओं को जो काम करना चाहिए वह काम नहीं कर रही हैं। हम यहां लगातार लोगों को जागरुक कर रहे हैं लेकिन प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिलता। यहां बच्चों के स्कूल में एडमिशन नहीं हो रहे हैं, बस्ती में पीने का पानी नहीं है, जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं, योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। शासन कम से कम हमारा सहयोग ही कर दे तो बस्ती के लोगों को लाभ मिल सके।
‘हमारी बहनों को बचाओ, इन हालातों सेÓ एक नाबालिग जो दो बच्चों की मां बन चुकी है उसका कहना है कि हमारी छोटी बहनों को बचाओ। यहां कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे हमारे परिवार के लोगों में और बालिकाओं में डर हो और वह ऐसा नहीं करें। बताया कि बस्ती में कई सारी लड़कियां है जो मां बन चुकी है लेकिन उनकी उम्र १८ वर्ष से कम है।कौन है जिम्मेदार शासन के सारे जागरुकता कार्यक्रम यहां असफल साबित हो रहे हैं।
क्योंकि पिछले कई सालों से ओझा बस्ती शहर के है और बस्ती में रहने वाले परिवार इटारसी के नागरिक बन चुकी है। इसके बाद भी यहां किशोरी बालिकाओं को बालिग होने से कोई नहीं रोक पा रहा है। खास बात यह है कि यहां आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका सबसे अहम होना चाहिए लेकिन आंगनबाडी का अमला यहां अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं कर पा रहा है।

कौन है जिम्मेदार शासन के सारे जागरुकता कार्यक्रम यहां असफल साबित हो रहे हैं। क्योंकि पिछले कई सालों से ओझा बस्ती शहर के है और बस्ती में रहने वाले परिवार इटारसी के नागरिक बन चुकी है। इसके बाद भी यहां किशोरी बालिकाओं को बालिग होने से कोई नहीं रोक पा रहा है। खास बात यह है कि यहां आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका सबसे अहम होना चाहिए लेकिन आंगनबाडी का अमला यहां अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं कर पा रहा है।
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